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Bikaner : वेटरनरी यूनिवर्सिटी में वर्तमान-सेवानिवृत्त कार्मिकों की ओर से करोड़ो रुपए उठा लेन के आक्षेपों की होगी जांच

RAJUVAS :न्यायाधीश व्यास सहित चार सदस्यों वाली हाईपॉवर कमेटी करेगी धांधली की जांच

पूर्व न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास, पूर्व कुलपति राठौड़, प्रोफेसर भोजक व चारण कमेटी के सदस्य

RNE Bikaner.

Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences (RAJUVAS) में वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों की ओर से करोड़ों रुपए का अनियमित भुगतान उठा लेने की आशंका और ऐसे मामलों में लगे आक्षेपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास सहित चार सदस्यों की हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी एक-एक आक्षेप पर परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी।

 

कैसी हाई पॉवर कमेटी, क्या करेंगे जांच:

RAJUVAS के कुलसचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक विश्वविद्यालय के कार्यरत / सेवानिवृत कार्मिको/अधिकारियों के अनियमित वेतन निर्धारण एवं स्वीकृत वेतन वृद्धियों आदि के संबंध में प्रस्तुत विशेष जॉच प्रतिवेदन में लगाये गये आक्षेपों एवं आक्षेपों के क्रम में संबंधित कार्मिकों/अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत पक्ष/साक्ष्य/दस्तावेजों का राजुवास नियम/परिनियम एवं राजस्थान सेवानियमों के अन्तर्गत गहनतापूर्वक परीक्षण एवं विवेचन कर निष्कर्ष सहित आक्षेपवार अपनी अनुषंशा प्रस्तुत करने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

कौन-कौन सदस्य :

विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने बताया कि इस उच्च स्तरीय कमेटी में श्री नरसिंह दास व्यास, पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित कुल चार सदस्य मनोनीत किए गए हैं। जस्टिस व्यास वर्तमान में जिला उपभोक्ता संरक्षण प्रतितोष आयोग, नागौर के अध्यक्ष पद पर भी आसीन हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बनाई गई इस उच्च स्तरीय कमेटी में प्रो. एन.एस. राठौड़, पूर्व कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, प्रो. नरेन्द्र भोजक, डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर व श्री भंवर सिंह चारण, सेवानिवृत अधिकारी, राज्य लेखा सेवा को शामिल किया गया है।

मामला क्या है :

मोटे तौर पर जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक लोकल ऑडिट पैरा में कई कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन निर्धारण, वेतन वृद्धि आदि में अनियमितता की आशंका जताते हुए ऑडिट पैरा लगाए गए हैं। इसके मुताबिक 10 से लेकर 50 लाख तक की रिकवरी हो सकती हैं। हालांकि इस गणना में कई तकनीकी खामियां भी बताई जा रही हैं।

इसमें एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से राजूवास में स्टाफ शिफ्ट होने के दौरान कैडर में बदलाव होना भी शामिल है। बहरहाल अब पूरे मामले में हाई पवार कमेटी की जांच से पहले एक विभागीय कमेटी भी जांच कर रही है। ऐसे में उस रिपोर्ट और इसके बाद हाई पावर कमेटी की ओर से होने वाले परीक्षण में स्थितियां साफ होगी।